हमारे देश के राजा
लिए धर्म के बैनर तले
‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ के
नारे लगा रहें हैं।
वो जुटे हुए हैं, देश को विश्वगुरु बनाने में—
हम सब आस लगाए बैठे हैं;
‘हम विश्वगुरु बनेंगे,
अखंड भारत हिन्दूराष्ट्र बनाएंगे।’
और यहां;
‘भूखे भेड़िये पूरे देश में इधर-उधर घूम रहे हैं,
देश कि बहन बेटियों को नोच खां रहें हैं।’
उन्हें नहीं कोई परवाह;
वो देखते रहते हैं भीष्म, द्रोण और धृतराष्ट्र के भांति —
‘खींचता हुआ चीर और नंगा किए गई नारी को।’
(धतूरा)