क्यों हमें घसीटा जा रहा है ।
जंगलों से दूर ।
मैं इस देश का वासी हूं ।
मूल निवासी हूं ।
हा, मैं आदिवासी हूं ।
ये जंगल
ये नदियां
ये पेड़ पर्वत
हमारे आशियाने है ।
हमें नहीं चाहिए कोई अहसान ।
नाही कोई पहचान ।
यह जिंदगी का हाल हमें जीने दो ।
जैसा है वैसा किरदार हमें निभाने दो ।
मैं कहता रहा
इस देश के विकासी को ।
पर उसने एक न सुनी मेरी
हमारे घरों पे चला दिए बुलडोजर ।
और हमें कर दिया बेघर ।
औरते
और
बच्चे-बुजुर्ग रोते रहे ।
मैं चल पड़ा ।
कहीं दूर
नया आशियाना ढूंढने ।
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